बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना-
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान भारत सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू किया गया था। यह अभियान भारतीय समाज में बेटियों की गरिमा, सुरक्षा, और शिक्षा को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया। इस योजना का के द्वारा भारतीय समाज में लड़कियों की मृत्यु दर को कम करना, लड़कियों की प्रस्तुति में सुधार करना, उन्हें समान अवसर प्रदान करना और उनकी शिक्षा और विकास को प्रोत्साहित करना है। यह अभियान भारतीय सरकार, गैर सरकारी संगठनों, और लोगों के सहयोग से चलाया जाता है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के मुख्य बिंदु
योजना– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना।
विभाग- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ,स्वास्थ्य मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय का सयुंक्त अभियान।
कब शुरू हुई- 22 जनवरी 2015
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत मिलने वाली जमा राशि
इस योजना के अंतर्गत शुरुआत के पूरे 14 साल तक निर्धारित धनराशि प्रतिमाह 1000 रूपये या साल में सीधे एक साथ 12000 रूपये जमा करनी होती है, अवधि पूरी होने तक खाते में कुल 1,68,000 रूपये की राशि जमा हो जाएगी। और बेटी के 21 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद कुल 6,07,128 रूपये की धनराशि प्रदान की जाएगी।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्य
लड़कियों की जीवन रक्षा और उनकी सुरक्षा: यह योजना लड़कियों की गर्भावस्था से पहले और उनके जीवन के पहले पांच वर्ष तक की उम्र में मातृत्व की देखभाल, टीकाकरण, आहार, और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्ची की मृत्यु दर को कम करना है।
लड़कियों की शिक्षा: यह योजना लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए है। इसके तहत बालिकाओं को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत लड़कियों को विद्यालयी शिक्षा और महिला उच्च शिक्षा की पहुंच में सुधार किया जाता है।
समाज में लड़कियों की सम्मान को बढ़ाना: इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के बारे में समाज में जागरूकता फैलाना और लड़कियों की सम्मान, समानता, और गरिमा को बढ़ाना है। यह लड़कियों को समान अवसर और मौके प्रदान करने के माध्यम से उनकी स्थिति में सुधार करता है।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना भारतीय सरकार द्वारा अपनाए गए नागरिकता और महिला विकास मंत्रालय के तहत चलाई जाती है। यह योजना समाज में लड़कियों की स्थिति में सुधार करने के लिए सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षिक उपायों का उदाहरण स्थापित करने का प्रयास है।
जागरूकता और साक्षरता: योजना के तहत सामुदायिक सदस्यों, स्कूलों, और सार्वजनिक इंस्टीट्यूशनों में लड़कियों की जागरूकता बढ़ाने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही, योजना शिक्षित बालिकाओं की संख्या को बढ़ाने के लिए अनुदान प्रदान करती है।
बेटी का आधार कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक खाता पासबुक
मोबाइल नंबर
परिवार की आय का प्रमाणपत्र
माता-पिता का आधारकार्ड, पैनकार्ड
माता-पिता का पहचान पत्र
निवास प्रमाण पत्र
वहां से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
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