नई दिल्ली, 29 सितंबर 2023- केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) के मुंबई दफ्तर में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर जांच के आदेश दिए हैं।
इस जांच का आदेश तमिल अभिनेता विशाल की शिकायत पर दिया गया है। विशाल ने आरोप लगाया है कि उनकी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी संस्करण को सेंसर सर्टिफिकेट देने के लिए CBFC के अधिकारियों ने उनसे 6.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
विशाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार किया तो CBFC ने उनकी फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट देने में देरी कर दी।
विशाल की शिकायत के बाद, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने CBFC के अध्यक्ष प्रकाश जावड़ेकर को मामले की जांच के आदेश दिए।
जावड़ेकर ने मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है। समिति की अध्यक्षता CBFC के सदस्य शांतनु बोस करेंगे। समिति में CBFC के सदस्य जयंत जयसवाल और एक स्वतंत्र सदस्य शामिल हैं।
समिति को मामले की जांच के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। समिति को अपनी रिपोर्ट 15 अक्टूबर तक मंत्रालय को सौंपनी होगी।
इससे पहले, साल 2022 में भी CBFC के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उस समय, CBFC के पूर्व अध्यक्ष मोहन लाल ने आरोप लगाया था कि CBFC में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
मोहन लाल ने आरोप लगाया था कि CBFC के अधिकारी फिल्म निर्माताओं से रिश्वत लेकर उन्हें सेंसर सर्टिफिकेट देते हैं। उन्होंने कहा था कि CBFC में भ्रष्टाचार के कारण कई अच्छी फिल्में सेंसर सर्टिफिकेट नहीं मिल पाती हैं।
Discussion about this post