नरेंद्र मोदी( Narendra Modi )
नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के सबसे मजबूत और लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं। यह उत्तरप्रदेश के वाराणसी से 17 वीं लोकसभा के सदस्य और वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री हैं। आम जनता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सकारात्मक और देश हितकारी, दृण निश्चयी और समर्पित छवि बनी हुई है। पूरे देश में इनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। वहीं इनकी रणनीति का लोहा विश्व मानता है। यह गुजरात में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं।
निजी जीवन –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को वडनगर, मेहसाणा गुजरात में हुआ था। यह एक गरीब परिवार से संबंध रखते थे। इनके पिता का नाम स्व० दामोदर दास मोदी था जो रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे। नरेंद्र मोदी भी अपने पिता की मदद करने के लिए रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने जाया करते थे। इनकी माता का नाम स्व० हीराबेन मोदी था।
इनके दादा का नाम मूलचंद मगनलाल मोदी था। उनके छह बेटे दामोदर दास मोदी, नरसिंहदास मोदी, नरोत्तमभाई मोदी, जगजीवनदास मोदी, कांतीलाल और जयंतीलाल मोदी थे। पीएम मोदी के चाचा जयंतीलाल की बेटी लीना बेन के पति विसनगर में बस कंडक्टर थे। मोदी जी के पांच भाई और एक बहन है। इनके भाई सोमभाई मोदी,अमृतभाई मोदी, भाई प्रह्लाद मोदी और पंकज मोदी हैं। वहीं इनकी बहन का नाम वसंतीबेन है।
इनके भाई सोमभाई मोदी स्वास्थ्य विभाग में काम करते थे जो अब रिटायर हो चुके हैं। वही अमृतभाई मोदी जो एक प्राइवेट कम्पनी में फिटर के पद पर कार्यरत थे। भाई प्रह्लाद मोदी जो मोदी से उम्र में दो साल छोटे हैं उनकी एक किराना की दुकान है। वहीं इनके भाई पंकज मोदी सूचना विभाग से रिटायर हुए हैं। वहीं इनकी बहन वसंतीबेन हसमुखलाल मोदी हैं जो गृहिणी हैं। उनके पति का नाम हसमुख लाल है। वे एलआईसी यानी भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्यरत थे।
नरेंद्र मोदी का विवाह जशोदाबेन के साथ हुआ था। शादी के कुछ दिन बाद ही यह दोनों लोग एक दूसरे से अलग हो गए। इनके एक भी बच्चे नहीं हैं।
शिक्षा (Education)-
मोदी द्वारा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे में जो ब्यौरा दिया गया है उसके मुताबिक पीएम मोदी की पढ़ाई –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गृह राज्य से पूरी की। 1967 में इन्होंने एसएससी की तैयारी की। वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी से इन्होंने साल 1978 में बीए किया था। साल 1983 में इन्होंने गुजरात विश्व विद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है।
राजनीतिक जीवन –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूचि बचपन से ही राजनीति में थी। यह देश के प्रत्येक मुद्दे पर अपनी पैनी नजर रखते थे। जब यह आठ साल के थे तब ही इन्होंने आरएसएस से नाता जोड़ लिया। 1997 में इन्होंने विधि पूर्वक आरएसएस की सदस्यता ग्रहण की। 1971 में संघ का पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनने के बाद उनकी राजनीतिक शिक्षा-दीक्षा शुरू हुई। 1974 में यह नव निर्माण आंदोलन का हिस्सा बनें। लेकिन जब 1975 में देश में आपातकाल की घोषणा हुई तो कुछ वक्त तक इन्हें छुपकर रहना पड़ा। 1980 में यह गुजरात भाजपा का हिस्सा बन गए। साल 1985 में इन्हें भाजपा संगठन का काम मिला। वर्ष 1988 से 1989 तक यह गुजरात भाजपा के महासचिव रहे हैं।
1990 में लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा में इनकी अहम भूमिका रही है। इस यात्रा के बाद भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई राज्यों में भाजपा का प्रभारी नियुक्त किया। साल 1995 में इन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव और कई राज्यों का प्रभारी बनाया गया। वहीं साल 1998 में उन्हें संगठन का महासचिव नियुक्त किया गया। इस पद पर इन्होंने 2001 तक कार्य किया। लेकिन साल 2001 में जब गुजरात के भुज में भूकंप आया, जिसमे करीब 20 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। इससे गुजरात में प्रशासनिक सेवाएं हिल गईं और वर्तमान मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल सवालों के कटघरे में खड़े हो गए। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।
2001 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनें तो पांच माह बाद गोधरा हादसा हुआ और कई हिन्दू कारसेवक मारे गए। इस घटना के बाद फरवरी 2002 में गुजरात दंगे भड़क गए। सरकार के मुताबिक इस दंगे में एक हजार से ज्यादा और ब्रिटिश उच्चायोग की एक स्वतंत्र समिति के अनुसार लगभग 2000 लोग मारे गए। स्थित की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात का दौरा किया और मोदी को सलाह दी।
मोदी पर आरोप लगाए गए कि वह दंगा रोकने में असफल रहे उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया। गुजरात में उन्हें पद से हटाने की मांग तेज हुई, लेकिन उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने मोदी का समर्थन किया और उन्हें उनके पद से नहीं हटना पड़ा। गुजरात में हुए दंगों की बात कई देशों में उठी और मोदी को अमेरिका जाने का वीजा नहीं मिला। ब्रिटेन ने भी दस साल तक उनसे अपने रिश्ते तोड़े रखा। लेकिन जब ममला कोर्ट गया तो मोदी को क्लीन चिट मिली और वह आरोपी साबित नहीं हुए।
दंगे के चार माह बाद 2002 में गुजरात विधानसभा चुनाव हुआ और भाजपा की जीत हुई और मोदी मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहे। गुजरात इस वक्त तक मोदी मय हो चुका था। 2007 में विकास के मुद्दे को भाजपा ने चुनाव के दौरान उठाया और जनता के समर्थन से अपनी सरकार बनाई। वहीं साल 2013 में बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी बार पार्टी का चेहरा बने थे और गुजरात में भाजपा की विजय का शंखनाद हुआ था।
2013 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र की राजनीति में सक्रिय हो चुके थे। 2014 में जब 16 वीं लोकसभा का चुनाव हुआ तो भाजपा ने मोदी के बलबूते पर पूरे देश को साधने का प्रयास किया जो सफल साबित हुआ और नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारत के 15 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की और गुजरात राज्य की कमान आनंदी बेन पटेल के हाथों सौंपी, जो गुजरात राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थीं। वहीं साल 2019 में 17 वीं लोकसभा के चुनाव में जब भाजपा की प्रचंड जीत हुई और मोदी जी वाराणसी से जीत हासिल कर संसद पहुंचे और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। वर्तमान में यह भारत के सबसे लोकप्रिय व जनप्रिय प्रधानमंत्री हैं।
जानें कितनी संपत्ति के मालिक हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी –
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक़ 31 मार्च 2021 तक पीएम मोदी के पास 2,23,82,504 की चल संपत्ति और 1.1 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति थी। वहीं उन्होंने अपनी अचल संपत्ति (गांधीनगर की जमीन) को दान कर दिया है। 31 मार्च 2022 तक पीएम के पास कोई नई संपत्ति नहीं है। जबकि उनकी संपत्ति अब बढ़कर 2.33 करोड़ रुपए हो गई है। पीएम मोदी के पास 35250 रुपए कैश, 189305 रुपए की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट की वैल्यू 9,05,105 रुपए और 4 सोने की अंगूठियां हैं, जिनकी वैल्यू 1.73 लाख रुपए है। वहीं उनके पास कोई एग्रीकल्चर और नॉन एग्रीकल्चर जमीन नहीं है।
जानें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले अंतराष्ट्रीय अवॉर्ड –
- सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भूटान
- ऑर्डर ऑफ अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद- सऊदी अरब
- स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान- अफगानिस्तान ( सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
- ग्रैंड कॉलर ऑफ स्टेट ऑफ फ़िलिस्तीन- फ़िलिस्तीन
- ऑर्डर ऑफ जायद अवार्ड – संयुक्त अरब अमीरात
- ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू अवार्ड- रूस
- ऑर्डर ऑफ रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन- मालदीव
- द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनेसां- खाड़ी देश द्वारा प्रथम श्रेणी एक शीर्ष सम्मान
- लीजन ऑफ मेरिट- संयुक्त राज्य
संगठनों व फाउंडेशनों द्वारा मोदी को मिले पुरस्कार –
- सियोल शांति पुरस्कार
- चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड
- फिलिप कोटलर राष्ट्रपति पुरस्कार
- बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड, स्वच्छ भारत अभियान के लिए 2019
- ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड
Discussion about this post