अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल भारतीय राजनीति में जानी पहचानी हस्ती हैं। यह मोदी सरकार में सबसे युवा मंत्री हैं। वहीं उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर से 17 वीं लोकसभा की सदस्य हैं। यह अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस दल के संस्थापक अनुप्रिया पटेल के पिता स्व० डा० सोनेलाल पटेल थे।
निजी जीवन –
अनुप्रिया पटेल का जन्म 28 अप्रैल 1981 को उत्तरप्रदेश के कानपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व० डॉ० सोनेलाल पटेल था जो की अपना दल के संस्थापक थे। इनकी माता का नाम कृष्णा पटेल है। इनकी तीन बहनें हैं। इनका विवाह आशीष सिंह पटेल से हुआ है और इनके दो बच्चे हैं। इनके पिता की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई थी। इस घटना ने अनुप्रिया को राजनीति से जुड़ने की प्रेरणा दी और इन्होंने अपना दल की कमान संभाली।
शिक्षा –
अनुप्रिया सिंह पटेल ने इंटर तक की पढ़ाई अपने गृह राज्य से पूर्ण की। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से की है। नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी से उन्होंने मनोविज्ञान में पीजी डिप्लोमा और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर से किया है। अनुप्रिया पटेल ने कुछ दिनों तक एमिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ाया भी है
राजनीतिक करियर –
साल 1995 में अनुप्रिया के पिता ने अपना दल का गठन किया। लेकिन यह कभी चुनाव नहीं जीत सके। 2009 में जब सड़क दुर्घटना में इनके पिता सोनेलाल पटेल का देहांत हुआ तो इन्हें मजबूरन राजनीति की ओर रुख करना पड़ा। जब अनुप्रिया ने अपना दल में कदम रखा तो इनकी उम्र 28 वर्ष थी। पार्टी का इन्हें महासचिव नियुक्त किया गया। साल 2012 में यह वाराणसी के रोहनिया विधानसभा सीट से पीस पार्टी ऑफ इंडिया और बुंदेलखंड कांग्रेस के गठबंधन की उम्मीदवार बनी और पहली बार में चुनाव जीत कर विधायक बन गईं। इस जीत ने अनुप्रिया पटेल को राजनीति का महारथी बना दिया।
साल 2014 लोकसभा चुनाव से पूर्व अपना दल का गठबंधन बीजेपी के साथ हुआ। गठबंधन प्रत्याशी के रूप में इन्हें 16 वीं लोकसभा का मिर्जापुर से प्रत्याशी बनाया गया। इस चुनाव में जीत हासिल कर अनुप्रिया पटेल संसद पहुंची। यह भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रहीं। यह सबसे कम उम्र की कैबिनेट मिनिस्टर बनीं। 1 सितंबर, 2014 से 5 जुलाई, 2016 तक यह महिला अधिकारिता संबंधी समिति; पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस संबंधी स्थायी समिति और परामर्शदात्री समिति, सड़क परिवहन और राजमार्ग और नौवहन मंत्रालय; अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति की सदस्य रहीं।
12 सितंबर, 2014 से 5 जुलाई, 2016 तक यह रेलवे कन्वेंशन कमेटी की सदस्य रहीं। 27 अप्रैल, 2015 से 20 सितंबर, 2016 तक यह ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति की सदस्य रहीं। 13 सितंबर, 2019 से 6 जुलाई, 2021 तक यह याचिका समिति की सदस्य रहीं। 9 अक्टूबर 2019 से 6 जुलाई 2021 तक यह परामर्शदात्री समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की सदस्य बनीं। 1 अक्टूबर, 2019 से 7 जुलाई, 2021 तक विश्व मामलों की भारतीय परिषद की सदस्य रहीं।
वहीं साल 2019 में 17 वीं लोकसभा चुनाव के लिए यह पुनः मिर्जापुर से गठबंधन प्रत्याशी बनीं और जीत हासिल कर मिर्जापुर से सांसद बनीं। जिसके बाद 2021 के कैबिनेट विस्तार में इन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया। वर्तमान में यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। UNESCAP के 78वें सत्र में भाग लेने के लिए इन्होंने 23-24 मई, 2022 के दौरान बैंकाक, थाईलैंड में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जो इसकी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ भी मना रहा था। UNESCAP के 78वें सत्र के मंत्रिस्तरीय खंड के दौरान, माननीय मंत्री ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक आम एजेंडा” विषय पर कंट्री स्टेटमेंट दिया।
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