एस० पी० सिंह बघेल
एस० पी० सिंह बघेल भारतीय राजनेता एवं उत्तरप्रदेश के आगरा से 17 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। एक समय में यह मुलायम के करीबी माने जाते थे और अपने ईमानदार स्वभाव के कारण समाजवादी परिवार में अच्छी पकड़ रखते थे। वर्तमान में यह भाजपा परिवार का हिस्सा हैं।
निजी जीवन –
एस० पी० सिंह बघेल का जन्म उत्तरप्रदेश के पीओ उमरी भटपुरा में 21 जून 1960 को हुआ था। इनके पिता का नाम स्व० राम भरोसे सिंह था जो मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में थे। इनकी माता का नाम स्व० रामश्री देवी था । इनका विवाह मधु सिंह बघेल के साथ हुआ है। इनके एक बेटा है।
शिक्षा –
एमएससी (सैन्य विज्ञान) एलएल.बी. , पीएच.डी., एमए (इतिहास) की पढ़ाई शिक्षित मेरठ विश्वविद्यालय, मेरठ; चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ और डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, उत्तर प्रदेश से ग्रहण की है।
राजनीतिक जीवन –
इनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत समाजवादी पार्टी के साथ हुई। साल 1989 में जब स्व० मुलायम सिंह यादव उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बनें तो इन्हें उनकी सुरक्षा में तैनात किया गया। इस दौरान इन्होंने अपनी सूझ बुझ से मुलायम सिंह यादव का दिल जीत लिया और उनके विश्वसनीय बन गए। 1998 में यह समाजवादी पार्टी का हिस्सा बन गए और मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव में जलेसर सीट से इन्हें सपा प्रत्याशी घोषित किया। यह चुनाव जीत कर विधायक बन गए। इस जीत ने इन्हें राजनीति का बादशाह बना दिया। साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में इन्होंने सपा प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकी और जीत हासिल कर संसद पहुंचे।
लेकिन इस दौरान सपा में इनके मतभेद आरम्भ हो गए। रामगोपाल यादव से इनके रिश्ते में कड़वाहट बढ़ गई और सपा ने इन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस दौरान इन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ अपने संबंध मजबूत किये और उन्हीं के माध्यम से बसपा परिवार का यह हिस्सा बन गए। साल 2010 में बसपा ने इन्हें राज्य सभा भेजा और राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंप दी। लेकिन जब इन्हें बसपा में अपना राजनीतिक भविष्य बेहतर नहीं दिखा तो पुनः इन्होंने दल बदलने की रणनीति बनाई।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व यह भाजपा परिवार का हिस्सा बन गए। बीजेपी ने इनपर विश्वास जताया और फिरोजाबाद संसदीय सीट से इन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। लेकिन इस चुनाव में यह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अक्षय यादव से हार गए। लेकिन साल 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन्हें टूंडला से अपना प्रत्याशी घोषित किया और जीत हासिल कर यह विधायक बन गए और योगी सरकार में इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इनपर बड़ा दांव खेला और आगरा सीट से मैदान में उतार दिया। इस सीट में जीत हासिल कर वह संसद पहुंचे। मोदी सरकार के कैबिनेट में 2021 में हुए फेरबदल में उन्हें केंद्रीय कानून राज्य मंत्री बनाया गया। वहीं साल 2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन्हें अखिलेश यादव के विरोध में करहल सीट से मैदान में उतरा। इस चुनाव में यह अखिलेश यादव से हार गए। अखिलेश ने इन्हें 66 हजार वोट से हराया। वर्तमान में यह उत्तरप्रदेश के आगरा से 17 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। इन्होंने 23 मई 2019 को अपना कार्यभार ग्रहण किया।
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