बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह भाजपा नेता और उत्तरप्रदेश के कैसरगंज से 17 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। यह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। निवार्चन क्षेत्र गोंडा, कैसरगंज और बलरामपुर से यह सांसद रह चुके हैं। अब तक यह 6 बार सांसद बनें हैं। राम मंदिर आंदोलन में यह सक्रिय रहे हैं और इनकी छवि उग्र हिन्दू नेता के रूप में बनी हुई है। लोग इन्हें दबंग नेता के रूप में जानते हैं।
निजी जीवन –
बृजभूषण शरण सिंह का जन्म 08 जनवरी 1957 को उत्तरप्रदेश के बिश्नौरपुर, गोंडा में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व० जगदम्बा शरण सिंह और माता का नाम प्यारी देवी सिंह है। इनका विवाह केतकी देवी सिंह से हुआ है जो 1996 में गोंडा से सांसद रह चुकी हैं। इनके 2 पुत्र प्रतीक सिंह भूषण और करण सिंह भूषण व 1 पुत्री शालिनी सिंह हैं। इनके बेटे प्रतीक सिंह भूषण राजनीति में सक्रिय हैं और गोंडा की सदर सीट से लगातार 2 बार के विधायक हैं।
शिक्षा –
बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी शुरुआती शिक्षा आपने गृह राज्य से ग्रहण की। इसके बाद एमए और एलएल.बी. की पढ़ाई इन्होंने साकेत महाविद्यालय, अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश से पूर्ण की।
राजनीतिक जीवन –
बृजभूषण शरण सिंह कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1979 में यह स्टूडेंट यूनियन की पॉलिटिक्स से जुड़े और 1988 में पहली बार यह बीजेपी के संपर्क में आए। इस समय तक गोंडा और पूर्वांचल के जिलों में इनका दबदबा बन गया था। लोग इन्हें कट्टर हिन्दू नेता के रूप में जानते थे। लाल कृष्ण आडवाणी के साथ इनका नाम उन 40 अभियुक्तों में शामिल था जिन्हें 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराने का ज़िम्मेदार माना गया था। हालाकि सितंबर 2020 में कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
1991 में पहली बार भाजपा ने इन्हें बलरामपुर लोकसभा सींट से अपना प्रत्याशी बनाया और इन्होंने अपने प्रतिद्वंदी आनंद सिंह को रिकॉर्ड 1.13 लाख वोट से हराया था। इनके खिलाफ 34 आपराधिक मामले दर्ज थे। लेकिन जब 1996 का चुनाव हुआ तो यह टाडा के तहत तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे। इस बार भाजपा ने इनकी पत्नी केतकी देवी सिंह को गोंडा से अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी आनंद सिंह को 80,000 वोटों से मात दी।
1999 में पार्टी ने बलरामपुर लोकसभा सींट से इन्हें मैदान में उतारा। इन्होंने समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता रिज़वान ज़हीर को हराया और अपनी जीत से सभी को दंग कर दिया। 1999 के बाद से इन्हें कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। 2004 में मायावती ने गोंडा का नाम बदलकर “लोकनायक जयप्रकाश नारायण नगर रखने की घोषणा की। बृजभूषण ने भारी जनसैलाब के बीच उनका विरोध किया। तत्काल उसी सभा में मुख्यमंत्री मायावती से अपना विरोध दर्ज कराया और एक जन आंदोलन तैयार किया।
मामला उफनाया और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तक पहुंचा। बृजभूषण सिंह की अपील पर पीएम अटल ने मायावती को घोषणा वापस लेने के लिए कहा और गोंडा का नाम नहीं बदला गया। लेकिन 2009 में उनका भाजपा के साथ मतभेद हुआ और उन्होंने पार्टी छोड़ दी व सपा में शामिल हो गए। सपा ने 2009 के लोकसभा चुनाव में कैसरगंज सीट से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की। लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व यह पुनः भाजपा परिवार का हिस्सा बन गए।
बीजेपी ने इन्हें लोकसभा सीट कैसरगंज से अपना प्रत्याशी बनाया और जीत दर्ज कर यह पुनः संसद पहुंचे। वहीं साल 2019 में भाजपा ने पुनः कैसरगंज लोकसभा सीट से उन्हें मैदान में उतारा और उनकी जीत हुई। 1991 से 2019 तक उन्होंने 6 बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और अपने बयानों और छवि के चलते सुर्खियां बटोरीं। बृजभूषण शरण सिंह पिछले 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं। यह 2011 में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बनें थे।
जानें इनके पास कितनी है सम्पत्ति –
बृजभूषण शरण सिंह के पास 9.89 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है। उनकी पत्नी के पास 6.35 करोड़ की प्रॉपर्टी है। इनके पास 50 ग्राम और पत्नी के पास 200 ग्राम सोना है। इनके नाम पर एक पिस्टल, एक राइफल, एक रैपिटर है। वहीं इनकी पत्नी के पास एक राइफल और एक रैपिटर का लाइसेंस है। इसके अलावा इनके पास एक करोड़ की फॉर्म लैंड और 2 करोड़ की नॉन एग्रीकल्चर लैंड है। सरकारी लेखाजोखा से हटकर यह करीब 50 से ज्यादा स्कूल कॉलेजों के मालिक हैं। अलग-अलग सेक्टर में यह ठेकेदारी का काम भी करते हैं। हेलिकॉप्टर और घोड़ों की सवारी के लिए भी मशहूर हैं।
विवादित बयान-
1996 में बृजभूषण शरण सिंह को दाऊद इब्राहिम की मदद के आरोप में जेल जाना पड़ा था। इन्हें 1992 में मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में हुए शुटआउट में आरोपी बनाया गया था। 2004 में इनका मायावती से विरोध हुआ। मायावती ने गोंडा का नाम बदलकर “लोकनायक जयप्रकाश नारायण नगर” रखने की घोषणा की थी। जिसका इन्होंने भारी जनसैलाब के बीच उनका विरोध किया था। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले एक रैली में इन्होंने मायावती को उत्तर प्रदेश की गुंडी कहा। मायावती ने मुझे चुनाव के बाद जेल भेजने की धमकी दी थी, अब वह जेल जाएंगी।
2022 में एक भागवत समारोह में इन्होंने बाबा रामदेव की बिजनेस चेन पतंजलि के घी को नकली घी बताया। 2022 चुनाव प्रचार के दौरान इन्होंने एआईआईएम प्रमुख ओवैसी को लेकर कहा, ओवैसी हमारा मित्र है, वह पुराना क्षत्रिय है और भगवान राम का वंशज है। वहीं प्रियंका गांधी पर विवादित टिप्पणी करते हुए इन्होंने कहा था -हिजाब तालिबानियों की विचारधारा है। यह आतंकवादियों की विचारधारा है। तालिबानियों के समर्थन में प्रियंका गांधी भी उतर आईं हैं।
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