जगदम्बिका पाल
जगदम्बिका पाल भाजपा के वरिष्ठ नेता व उत्तरप्रदेश के डुमरियागंज से 17 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। यह उत्तरप्रदेश के लोकप्रिय राजनेता हैं वहीं भाजपा परिवार में इनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।
निजी जीवन –
जगदम्बिका पाल का जन्म उत्तरप्रदेश के बस्ती जिला का रमेश्वरपुर में 21 अक्टूबर 1950 को हुआ था। इनके पिता का नाम स्व० सूर्य बक्स पाल और माता का नाम स्व० मूल राजी देवी है। इनका विवाह 1975 में स्नेह लता पाल के साथ हुआ है जो पेट्रोल पम्प की मालकिन हैं। इनके 1 पुत्र, 2 पुत्रियाँ हैं।
शिक्षा –
जगदम्बिका पाल ने अपनी आरम्भिक शिक्षा अपने गृह राज्य से पूर्ण की। इसके बाद इन्होंने एमए (राजनीति विज्ञान, प्राचीन और आधुनिक इतिहास) और एलएलबी की पढ़ाई अवध विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है।
राजनीतिक जीवन –
जगदम्बिका पाल कॉलेज के दिनों से राजनीति में सक्रिय रहने लगे थे। इनका सम्बन्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अखिल भारतीय इन्दिरा कांग्रेस अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस से रहा है। साल 1983 में यह दो बार उत्तरप्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। वहीं 1988 में यह उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए थे।
साल 1993 में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बस्ती निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। वहीं 1996 में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो इन्होंने बसपा प्रत्याशी दयाराम चौधरी को हराकर फिर से जीत हासिल की। 21 फरवरी 1998 में यूपी के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे उस दौरान यूपी की सियासत में भूचाल देखने को मिला और राज्य पाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह को उनके पद से बर्खास्त कर दिया व इन्हें यूपी का मुख्यमंत्री बनाया गया। यह कल्याण सिंह सरकार में ही परिवहन मंत्री हुआ करते थे। कहा जाता है कि जगदंबिका पाल ने कुर्सी हथियाने के लिए विपक्षी नेताओं से भी संपर्क साधा था। यह महज 24 घंटे के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बनें थे।
वहीं 2002 में यह उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रहे। इन्होंने भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र कुमार को हराकर बस्ती निर्वाचन क्षेत्र में तीसरी बार अपनी जीत का बिगुल फूंका था। 2005 में बस्ती से यह भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हार गए। वहीं साल 2009 में डोमरियागंज निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस ने इन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया और इन्होंने जीत दर्ज की। लेकिन मतभेद के चलते 2014 के चुनाव से पूर्व यह भाजपा परिवार का हिस्सा बन गए और भाजपा ने इन्हें 2014 में 16 वीं लोकसभा के चुनाव में डोमरियागंज निर्वाचन क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया और इन्होंने जीत दर्ज की। वहीं साल 2019 में भाजपा ने पुनः इन्हें अपना प्रत्याशी डोमरियागंज निर्वाचन क्षेत्र से बनाया और जीत हासिल कर यह 17 वीं विधानसभा के सदस्य बनें।
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