ब्रजेश पाठक(Deputy Chief Minister of Uttar Pradesh Brajesh Pathak)
उत्तरप्रदेश की राजनीति में ब्रजेश पाठक का अहम योगदान है। यह वर्तमान में उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं। वहीं यह बीजेपी के कद्दावर नेताओं की श्रेणी में आते हैं। यह बीजेपी से पहले बसपा के प्रमुख चेहरों में शामिल थे। वहीं इन्होंने कांग्रेस के टिकट पर भी चुनावी मैदान में ताल ठोकी है। ब्रजेश पाठक आप समाजवेवी स्वभाव के कारण जनता के हृदय में बसते हैं। क्षेत्र में इनकी मजबूत पकड़ बनी हुई है।
निजी जीवन -Deputy Chief Minister of Uttar Pradesh Brajesh Pathak)
उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का जन्म 25 जून 1964 को उत्तरप्रदेश के मल्लावां में हुआ था। इनके पिता का नाम सुरेश पाठक व माता का नाम कमला पाठक है। ब्रजेश पाठक का विवाह नम्रता पाठक के साथ 8 मार्च 1985 में हुआ था। इनकी दो बेटियां दीपिका पाठक एवं सांभवी पाठक हैं। इनका एक पुत्र है जिसका नाम कार्तिक पाठक है। यह एक साधारण परिवार से सम्बंधित थे। इनका पेशा समाज सेवा, लोगों की मदद करना एवं वकालत रहा है।
शिक्षा-Deputy Chief Minister of Uttar Pradesh Brajesh Pathak)
ब्रजेश पाठक ने अपनी शुरुआती पढाई अपने गृह राज्य से की है। इसके बाद वकालत की पढ़ाई के लिए इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहां से ब्रजेश पाठक ने बीकॉम, एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की।
राजनीतिक जीवन-Deputy Chief Minister of Uttar Pradesh Brajesh Pathak)
ब्रजेश पाठक के राजनीतिक जीवन की शुरुआत उनके कॉलेज के दिनों से ही हो गई थी। यह समाजसेवी कार्यों में काफी सक्रिय रहते थे। पढाई पूरी करने के बाद ब्रजेश पाठक ने कांग्रेस की सदस्यता ली और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। साल 2002 में कांग्रेस ने ब्रजेश पाठक पर विश्वास जताया और इन्हें इनके गृह क्षेत्र मल्लावां से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। लेकिन ब्रजेश पाठक को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा
चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने ब्रजेश पाठक के सम्बंध खराब होने लगे। समय के साथ इन्होंने बसपा से हाथ मिला लिया। साल 2004 में यह बसपा की सीट से चुनाव लड़कर सांसद बने। बसपा को ब्रजेश पाठक पर अटूट विश्वास था। साल 2009 में बसपा ने ब्रजेश पाठक को राज्यसभा भेजा। समय बदलता गया और यह ब्राह्मण समाज के बड़े नेता के रूप में उभरे। यह बसपा में मायावती के काफी करीबी माने जाते थे। मायावती ने इनकी पत्नी को महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया था।
साल 2014 में ब्रजेश पाठक ने बसपा के टिकट पर उन्नाव से चुनाव लड़ा और इस बार यह हार गए। हार के बाद बसपा की घटती लोकप्रियता देख ब्रजेश पाठक ने अपना पाला बदला। ब्रजेश पाठक ने साल 2016 में भाजपा परिवार का दामन थाम कर बसपा को अलविदा कह दिया। बीजेपी ने ब्रजेश पाठक पर विश्वास जताया और 2017 में लखनऊ मध्य सीट से इन्हें मैदान में उतारा। मोदी लहर के बीच भाजपा नेता ने सपा नेता रविदास मल्होत्रा को करारी मात दी।
चुनाव जीतने के बाद यह बीजेपी के विश्वसनीय बन गए। योगी आदित्यनाथ ने इनपर विश्वास जताया और इन्हें विधि एवं न्याय मंत्री का पद सौंप दिया। पुनः साल 2022 में ब्रजेश पाठक ने लखनऊ के कैंट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुनः ब्रजेश पाठक पर विश्वास जताया और इन्हें उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री का पद सौंप दिया गया। यह उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। योगी सरकार में इन्हें चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय और मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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