लोक मीडिया का अर्थ – लोक मीडिया का तात्पर्य लोगों के मीडिया से है। लोक मीडिया शब्द जर्मन भाषा के शब्द वोकल्स से लिया जिसका अर्थ होता है परस्पसर निकट होते हुए भी भिन्न-भिन्न होना। लोक मीडिया शब्द का सबसे पहले प्रयोग 1845 में विलियम थॉमस द्वारा किया गया था। यह संचार का एक ऐसा माध्यम है जिसका उपयोग गांव के लोग करते हैं। ग्रामणी परिवेश के लोगों जागरूक करने हेतु लोक मीडिया को सबसे प्रभावी माध्यम माना गया है।
लोक मीडिया के तत्व-
लोक मीडिया हमारी संस्कृति का हिस्सा है। जो समान्य तौर पर सामजिक व्यवहार को दर्शाता है। लोक मीडिया में मिथक कथाएं , लोक कथाएं, चुटकुले, नाटक, राग, गान, दीवारों पर लिखे संदेश आदि शामिल हैं।
लोक मीडिया की परिभाषा – लोक मीडिया का जन्म लोक संस्कृति से माना जाता है, यदि आप लोक संस्कृति को समझ जाते हैं तो आपके मीडिया को परिभाषित करना आसान होगा।
लोक संस्कृति परिभाषा –
जी. एम. फोस्टर के मतानुसार,” लोक संस्कृति को जीवन की एक ऐसी सामान्य विधि के रूप मे समझा जाता है जो एक क्षेत्र विशेष के गाँवों, कस्बों तथा नगरों के कुछ पास भी व्यक्तियों की विशेषता के रूप मे स्पष्ट होती है तथा लोक समाज उन व्यक्तियों का एक संगठित समूह है जो लोक संस्कृति से बँधा होता है।”
जार्ज एम. फैस्टर ने लोक संस्कृति को परिभाषित करते हुए लिखा हैं,” लोक संस्कृति को जीवन के सामान्य तरीके के रूप में देखा जा सकता है जो एक क्षेत्र विशेष में बहुत से गाँवों, कस्बों तथा नगरों के कुछ या सभी लोगों की विशेषताओं के रूप में है और लोक समाज उन व्यक्तियों के एक संगठित समूह के रूप में है जिसकी एक लोक संस्कृति हैं।”
लोक मीडिया परिभाषा-
दिसनायके के मुताबिक़ लोक मीडिया एक ऐसा माध्यम है जनसंचार माध्यमों के विकास से पूर्व समाज में लोगों को जागरूक करने के लिए मौजूद थी। इसे हम सामान्य तौर पर गांव या कबीले में रहने वाले लोगों के संचार के साधन के रूप में जानते हैं। यह एक स्वदेशी संचार प्रणाली है जो सस्ती और टिकाऊ है। इसके माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार करते हैं और लोगों को वास्तविक मुद्दों से भी अवगत करवाते हैं।
लोक मीडिया की विशेषताएं –
1-लोक मीडिया में एक सांस्कृतिक समूह के लोगों की भागीदारी होती है।
2-यह एक सस्ता मीडिया साधन है जिसमे उपयुक्त वाली सामग्री आसानी से प्राप्त हो जाती है।
3-लोग मीडिया में काम करने वाले लोगों का शिक्षित होना आवश्यक नहीं है।
4-लोक मीडिया में कोई भी हिस्सा ले सकता है इसलिए इसकी गुणवत्ता को आंकना मुश्किल होता है।
5-लोक मीडिया के माध्यम से आप ग्राम्य समाज में अपनी बात आसानी से पहुंचाते हैं।
6-लोक मीडिया पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं होता है।
7-लोक मीडिया को सभी लोगों का समर्थन प्राप्त होता है।
8-लोक मीडिया समाज में फ़ैली कुरीतियों को दूर करता है और समाज को विकास के पथ पर आगे बढ़ाता है।
कुछ पारम्परिक मीडिया के नाम –
1-तमाशा- यह महाराष्ट्र से उत्पन्न है।
2-पावला- यह लोक गीत है जो महाराष्ट्र से उत्पन्न है।
3-यक्षगान – यह कर्नाटक का सबसे लोकप्रिय लोक नाटक है।
4-दशावतार- यह दक्षिण कोंकण का धार्मिक लोक रंगमंच है।
5-नौटंकी- यह उत्तर भारतीय लोक नाटक है जिसे खुले मंच पर प्रदर्शित किया जाता है।
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