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देसी बोवाइन नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए दिसंबर 2014 से राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) लागू किया जा रहा है। यह योजना दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने और देश के ग्रामीण किसानों के लिए डेयरी को अधिक लाभकारी बनाने के लिए दूध उत्पादन और बोवाइन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह योजना 2400 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 2021 से 2026 तक अम्ब्रेला योजना राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत भी जारी है। आरजीएम के परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि होगी और कार्यक्रम का लाभ भारत के सभी गोपशुओं और भैंसों, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के गोपशुओं और भैंसों तक पहुंचेगा। इस कार्यक्रम से विशेष रूप से महिलाओं को भी लाभ होगा क्योंकि पशुधन पालन में 70% से अधिक कार्य महिलाओं द्वारा किए जाते हैं।

उद्देश्य

  • क) उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके धारणीय तरीके से बोवाइनों की उत्पादकता और दूध उत्पादन को बढ़ाना।
  • ख) प्रजनन उद्देश्यों के लिए उच्च आनुवंशिक गुणता वाले सांडों के उपयोग का प्रचार करना।
  • ग) प्रजनन नेटवर्क को मजबूत करके और किसानों केद्वार पर कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं प्रदान करके कृत्रिम गर्भाधान कवरेज को बढ़ाना।
  • घ) वैज्ञानिक और समग्र तरीके से देसीगोपशुओं और भैंसों के पालन और संरक्षण को बढ़ावा देना।

निधियन पैटर्न

निम्नलिखित घटकों के अलावा योजना के सभी घटकों को 100% सहायता-अनुदान के आधार पर लागू किया जाएगा: i) त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम घटक के तहत प्रति आईवीएफ गर्भावस्था 5000 रुपये की सब्सिडी भाग लेने वाले किसानों को भारत सरकार के हिस्से के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी; ii) सैक्स सॉर्टेड सीमन को बढ़ावा देने संबंधी घटक के तहत सैक्स सॉर्टेड सीमन की लागत के 50% तक सब्सिडी,भाग लेने वाले किसानों को उपलब्ध करायी जाएगी और iii) नस्ल वृद्धि फार्म की स्थापना घटक के तहत परियोजना कीपूंजीगत लागत के 50% तक अधिकतम 2 करोड़ रुपये घटक तक थी सब्सिडी उद्यमी के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

आरजीएम के घटक-
1. उच्च आनुवंशिक गुणता वाले जर्मप्लाज्म की उपलब्धता:

  • क. सांड उत्पादन कार्यक्रम
    • संतति परीक्षण
    • नस्लि चयन
    • जीनोमिक चयन
    • जर्मप्लाज्म का आयात
  • ख. सीमनस्टेशनों को सहायता: मौजूदा सीमन स्टेशनों का सुदृढ़ीकरण।
  • ग. आईवीएफ प्रौद्योगिकी का कार्यान्वयन
    • आईवीएफ प्रयोगशालाएं
    • इन विट्रो भ्रूण उत्पादन प्रौद्योगिकी का कार्यान्वयन
    • सुनिश्चित गर्भावस्था पाने के लिए आईवीएफ तकनीक का कार्यान्वयन
  • घ. नस्ल वृद्धि फार्म

2. कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क का विस्तार

  • क. मैत्री की स्थापना
  • ख. राष्ट्रव्यापी एआई कार्यक्रम
  • ग. सुनिश्चित गर्भावस्था पाने के लिए सेक्स सॉर्टेडसीमेन का उपयोग करना
  • घ. राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (पशुधन) का कार्यान्वयन

3. देशी नस्लों का विकास और संरक्षण

  • क. गौशालाओं, गोसदनों और पिंजरापोलों को सहायता
  • ख. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का प्रशासनिक व्यय/संचालन

4. कौशल विकास
5. किसान जागरूकता
6. बोवाइन प्रजनन में अनुसंधान विकास और नवाचार

 

योजना के दिशानिर्देशों-