रवि किशन(Ravi Kishan)
रवि किशन भोजपुरी अभिनेता एवं उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से 17 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। इन्होंने भोजपुरी फिल्मों के साथ-साथ कई विज्ञापन व हिंदी फिल्मों में काम किया है। भाजपा नेताओं के रूप में इनकी मजबूत छवि है और लोग इन्हें काफी पसंद करते हैं। इन्हें ईटीवी भोजपुरी सिनेमा सम्मान 2008 के कार्यक्रम में सबसे प्रसिद्ध अभिनेता के अवार्ड से नवाज़ा गया था।
निजी जीवन –
रवि किशन का जन्म 17 जुलाई 1969 को उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिला के बरैन गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्यामा नारायण शुक्ला एवं मां का नाम जादवती देवी है। इनके चार भाई-बहन हैं। वहीं रवि किशन का विवाह 1993 में प्रीति किशन के साथ हुआ है। इनके चार बच्चे तनिष्क, इशिता, रीवा (अभिनेत्री), सक्षम किशन हैं। इनका पालन-पोषण मुंबई के सांताक्रूज़ में एक चॉल मे हुआ, लेकिन किसी विवाद के कारण इनका परिवार मुंबई छोड़कर जौनपुर स्थानांतरित हो गया। इस समय इनकी उम्र 10 साल थी। इन्होंने अपने संघर्ष के बलबूते पर अपनी पहचान बनाई और आज यह पूरे भारत में लोकप्रिय हैं।
शिक्षा –
रवि किशन की पारिवारिक स्थित बहुत बेहतर नहीं थी। आर्थिक समस्याओं के बीच इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह राज्य जौनपुर से पूरी की वहीं स्नातक की पढ़ाई के लिए इनकी मां ने इन्हें मुंबई भेज दिया। मुंबई के रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट, साइंस एंड कॉमर्स से इन्होंने बीकॉम की पढ़ाई पूरी की थी।
अभिनय में उड़ान –
रवि किशन को एक्टिंग का शौक था वहीं यह गायन कला में भी निपुण थे। पढ़ाई के दौरान से ही इन्होंने अपने हुनर को निखारना आरम्भ कर दिया। 1992 में पहली बार रवि किशन हिंदी फिल्म पीतांबरा में दिखाई दिए। यहीं से इनके करियर ने रफ़्तार पकड़ी साल 1997 में शेयर बाजार,1999 में मोनिशा एन मोनालिसा, साल 2003 लोकप्रिय फिल्म तेरे नाम से यह हर जगह विख्यात हो गए और लोग इनके अभिनय की सराहना करने लगे। रवि किशन ने हिंदी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगु और मराठी जैसी विभिन्न भाषाओं में काम किया है और लोगों का दिल जीता है।
वहीं इन्होंने टीवी सीरियल में भी खूब ख्याति प्राप्त की। 2001 में यह बिगबॉस का हिस्सा बनें। 2002 में ”हर मोड़ पार ,हैलो इंस्पेक्टर,जाल जैसे शो में इन्होंने अभिनय किया। वहीं साल 2016 एवं 2018 में भाभीजी घर पर है में अपने अभिनय से रवि ने सभी के ह्रदय में अपनी जगह बना ली।
राजनीतिक जीवन –
रवि किशन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की। साल 2014 में निर्वाचन क्षेत्र जौनपुर से यह मैदान में उतरे और इन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस में इनकी ज्यादा जमी नहीं और साल 2017 में इन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। वहीं भाजपा ने इन्हें मौका देते हुए 15 अप्रैल 2019 को अपने उमीदवार की सूची जारी की और 2019 के आम चुनाव के लिए गोरखपुर से इन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
उन्होंने इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामभूल निषाद को हराकर अपनी जीत दर्ज की ओर यहीं से उनके राजनीतिक करियर में चमक आई। वर्तमान में वह गोरखपुर से 17 वीं लोकसभा के सांसद हैं।