नई दिल्ली, 29 सितंबर 2023 – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम को अपनी मंजूरी दे दी है। इस तरह इस बिल ने अब कानून की शक्ल ले ली है। पिछले दिनों आयोजित संसद के विशेष सत्र में इस बिल को संसद के पटल पर रखा गया था जिसे आम सहमति के साथ पास कर दिया गया था। इस बार विपक्ष का सहयोग भी सरकार को हासिल हुआ था।
इस कानून के तहत, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह अधिनियम भारत में महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सरकार के सभी स्तरों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और उनका प्रतिनिधित्व मजबूत होगा। यह महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभावी ढंग से भाग लेने और समाज के सभी पहलुओं में योगदान देने का अवसर प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, सरकार जल्द ही इस कानून को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह कानून जल्द ही लागू हो जाएगा।
महिला आरक्षण कानून के लाभ:
- यह महिलाओं को सरकार में अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करेगा।
- यह महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभावी ढंग से भाग लेने का अवसर प्रदान करेगा।
- यह महिलाओं को समाज के सभी पहलुओं में योगदान देने में सक्षम करेगा।
महिला आरक्षण कानून के संभावित प्रभाव:
- यह महिलाओं के लिए राजनीति में प्रवेश करना आसान बना देगा।
- यह महिलाओं को सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभावी ढंग से भाग लेने में सक्षम करेगा।
- यह महिलाओं के लिए समाज में समान अधिकार और अवसर प्राप्त करना आसान बना देगा।
महिला आरक्षण कानून को लेकर विवाद:
महिला आरक्षण कानून को लेकर कुछ लोगों ने चिंता जताई है कि इससे महिलाओं के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी और यह उनके लिए चुनाव जीतना मुश्किल बना देगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कानून महिलाओं के लिए एक अवसर प्रदान करेगा और इससे वे सरकार में अधिक प्रभावी ढंग से भाग ले सकेंगी।
Discussion about this post