सनातन का अर्थ सर्वस्त्र है। आदि से अंत तक इस ब्रह्मांड में जो भी है उस सबका सीधा संबंध सनातन से है। सनातन का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है। क्योंकि सनातन का इतिहास १९६०८५३११० साल पुराना है। सनातन धर्म को वैदिक धर्म या हिन्दू धर्म के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म भारत का अभिमान है और भारत का प्रत्येक नागरिक सनातनी है।
वहीं यदि हम यह पूछे कि सनातन क्या है। तो सनातन पूरा ब्राह्मण है। जीवन जीने का व्यवस्थित तरीका है। लोगों को जीवन का सकारात्मक अर्थ बताने का मार्ग है। सामान्य भाषा में कहें तो सनातन एक ऐसा धर्म है जो सदैव रहने वाला है। सनातन का न अंत है न उदय। जब से यह संसार है तबसे सनातन है।
सामान्य तौर पर आज सनातन ज्ञान की बात करना आवश्यक है। क्योंकि आज भारत के लोग अपनी संस्कृति के विरोध में खड़े हो गए हैं। लोग अपने धार्मिक ग्रंथों के विषय में उचित ज्ञान नहीं रखते हैं। उन्हें गीता का सार, रामायण का ज्ञान, उपनिषद का अर्थ, वेदों का मूल नहीं पता है।
हिंदुओ के समस्त धार्मिक ग्रन्थों का ज्ञान सनातन में समाहित है। सनातन हिंदुओ की पहचान है। सनातन का सम्बंध किसी जाति या धर्म से नहीं है। जो भी व्यक्ति सकारात्मक मार्ग पर चलता है। ईश्वर का सम्मान करता है। भारत के खिलाफ एक शब्द नहीं सुनता। ईश्वर के अस्तित्व पर सवाल सुनकर उसके रक्त में उबाल आ जाता है। वही सनातनी है।
क्या सिखाता है सनातन ज्ञान-
सनातन ज्ञान लोगों को सकारात्मक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। धर्म ग्रंथो की माने तो सनातन के मार्ग पर जो व्यक्ति चलता है। वह लोगों को मनावता के भाव से देखता है। उसके लिए मानवता से बड़ा कोई अन्य धर्म नहीं होता है। उसे हिंसा से घृणा होती है। सनातन के अनुयायी सभी का सम्मान करते हैं वह जाति और धर्म के नाम पर लोगों के साथ दोहरा व्यवहार नहीं करते। सनातन के अनुयायी लोगों को सकारात्मक पर ले जाते हैं और प्रत्येक विकट परिस्थिति में लोगों की मदद करते हैं।
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