संसद भवन एक इमारत है जो भारतीय संसद (पार्लियामेंट) की स्थानांतरित सदनों को मेजबानी करने के लिए निर्मित की गई है। यह नई दिल्ली, भारत की राजधानी में स्थित है। संसद भवन में लोक सभा (संसद की निम्न सदन) और राज्य सभा (संसद की उच्च सदन) की सदनें स्थित हैं। इस भवन में संसदीय कार्यक्रमों, विधायिका कार्यों, और संघीय विधानों को निर्धारित किया जाता है।
संसद भवन की विशेषताएं मार्मिक और नवीनतम वास्तुकला के आदर्शों का पालन करती हैं। इसकी वास्तुशिल्प और सुंदरता को मान्यता दी गई है और इसे दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। संसद भवन देश की लोकतंत्रिक प्रणाली के महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
संसद भवन का निर्माण कब हुआ था-
संसद भवन का निर्माण 1911 ईस्वी में शुरू हुआ था और 1927 ईस्वी में पूरा हो गया। इसका निर्माण ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुआ था जब दिल्ली ब्रिटिश राजधानी बनी थी। संसद भवन के निर्माण का प्रमुख उद्देश्य भारतीय संसद को स्थानांतरित करना था, जिससे दिल्ली में संविधानिक और नियमन कार्यों को सुचारु रूप से संचालित किया जा सके। इसका निर्माण मार्मिक वास्तुकला के आदर्शों पर आधारित किया गया है और यह एक प्रमुख भारतीय वास्तुकला का केंद्रीय स्मारक है।
नई संसद भवन क्या है-
नई संसद भवन एक प्रस्तावित परियोजना है जिसका निर्माण भारत की नई संसद इमारत के रूप में होने की योजना है। यह भवन अधिकारियों, संघीय नेताओं और संसद के सदस्यों को एक नए और मौजूदा के मुकाबले बड़े और आधुनिक संसद इमारत में स्थानांतरित करने का उद्देश्य रखती है। नई संसद भवन की योजना को सरकार ने स्वीकार किया है और इसके निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है।
नई संसद भवन का निर्माण एक प्रतिष्ठित वास्तुकारी कंपनी के तहत हो रहा है और इसकी योजना व डिजाइन विश्वस्तरीय अभियांत्रिकी, वातावरणीय सतत्ता और प्रौद्योगिकी पर आधारित है। नई संसद भवन की अपेक्षित पूर्णता में सामान्यतः तकरीबन 10 साल की अवधि लग सकती है। यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और आर्थिक परियोजना है जो नई दिल्ली को विश्वस्तरीय संसद इमारत के साथ सुसज्जित करने का लक्ष्य रखती है।
नई संसद भवन की विशेषताएं क्या हैं-
नई संसद भवन की विशेषताएं निम्नलिखित हो सकती हैं, हालांकि इसके विवरण आधिकारिक योजना और डिज़ाइन के अनुसार बदल सकते हैं:
- आर्किटेक्चरल डिज़ाइन: नई संसद भवन का आर्किटेक्चरल डिज़ाइन मार्मिक और आधुनिकतापूर्ण होगा। यह आदर्शवादी और उपयोगिता के साथ दिखाने का प्रयास करेगा।
- तकनीकी उन्नति: नई संसद भवन तकनीकी उन्नति को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा। इसमें वैश्विक मानकों के अनुरूप विशेषताएं और सुरक्षा प्रदान करने के लिए मोडर्न तकनीकी उपकरणों का उपयोग होगा।
- विशाल संभाग: नई संसद भवन में विभिन्न संघीय विभागों के लिए विशाल संभागों की व्यवस्था होगी। यह व्यावसायिक और आमजनों को सेवा करने के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करेगा।
-
सामान्यता के लिए अवसर: नई संसद भवन की योजना में सामान्यता के लिए अवसर होंगे, जिससे नागरिकों को संसदीय कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
संविधान में संसद –
संविधान, भारत के सर्वोच्च कानून होता है और देश की संविधानिक प्रणाली को निर्धारित करता है। संविधान में संसद (पार्लियामेंट) के संबंध में विभिन्न धाराएं शामिल होती हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण धाराएं हैं जो संसद के संबंध में विवरण प्रदान करती हैं:
संविधान के अनुच्छेद 79 से 122 तक में “संघ” और “संसद” पर विस्तार से व्याख्या की गई है। कुछ महत्वपूर्ण तत्व निम्नलिखित हैं:
-
- संसद का संरचना: संविधान के अनुसार, संसद भारत की संविधानिक और नियमनिकाय है। यह लोकसभा (संसद की निम्न सदन) और राज्य सभा (संसद की उच्च सदन) से मिलकर बनी हुई है।
- कार्यक्षेत्र: संसद को कानूनों, विधायिका कार्यक्रमों, वित्तीय वर्ष और विभिन्न सरकारी नीतियों को निर्धारित करने का अधिकार है। यह नए कानूनों को बनाने, मूल्यांकन करने और पारित करने का भी अधिकार रखती है।
- संसद का संरचना: संविधान के अनुसार, संसद भारत की संविधानिक और नियमनिकाय है। यह लोकसभा (संसद की निम्न सदन) और राज्य सभा (संसद की उच्च सदन) से मिलकर बनी हुई है।
- कार्यक्षेत्र: संसद को कानूनों, विधायिका कार्यक्रमों, वित्तीय वर्ष और विभिन्न सरकारी नीतियों को निर्धारित करने का अधिकार है। यह नए कानूनों को बनाने, मूल्यांकन करने और पारित करने का भी अधिकार रखती है।
-
निर्वाचन: संसद के सदस्यों का चयन निर्वाचन द्वारा होता है।