img

क्या होता है राष्ट्रपति शासन-

राष्ट्रपति शासन एक ऐसी स्थिति होती है जब देश के राष्ट्रपति देश के नेतृत्व को अपने ऊपर लेते हुए सभी निर्णयों का वह अंतिम निर्णय लेते हैं। इसका अर्थ होता है कि उन्हें अपनी स्वतंत्र शक्ति के ज़रिए राज्य सरकार के सभी निर्णयों पर नियंत्रण होता है।

भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को विशेष शक्तियाँ दी गई हैं जिनका उपयोग वह सामान्य तौर पर अपने मत देने के लिए नहीं करते हैं। इन शक्तियों में से कुछ शामिल हैं:

  1. संवैधानिक निर्णय लेना
  2. राष्ट्रीय आपातकाल
  3. विभिन्न शासन संस्थाओं के नेतृत्व अधिकार नियुक्त करना
  4. राज्यों में राष्ट्रपति के नाम पर विशेष अधिकार वापसी
  5. अन्य विशेष शक्तियां जैसे उनके अधिकार में राजभवनों की संचालन, उच्च न्यायालय के जजों की नियुक्ति आदि।

राष्ट्रपति शासन का भारतीय संविधान में उल्लेख-

पहला अनुच्छेद अनुच्छेद 53 से 78 तक होता है जिसमें राष्ट्रपति के विभिन्न कार्य विस्तार से बताए गए हैं। इस अनुच्छेद में राष्ट्रपति के शासन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • राष्ट्रपति देश का अंतिम निर्णय लेने के लिए प्रतिनिधि के रूप में काम करते हैं।
  • वे विभिन्न संवैधानिक पदों की नियुक्ति करते हैं।
  • राष्ट्रपति विभिन्न विधानों के द्वारा अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं।
  • वे राज्यों के नाम पर विशेष अधिकार वापस ले सकते हैं।
  • राष्ट्रपति विभिन्न अन्य संगठनों जैसे वित्त आयोग, भारतीय संगठित और असंगठित कार्यवाही समिति के अध्यक्ष भी होते हैं।

सरा अनुच्छेद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 से 372 तक होता है, जो राष्ट्रपति के आपातकाल के संबंध में विस्तार से बताता है। यह अनुच्छेद भारत में आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति की शक्तियों और कार्यक्षमताओं को संबोधित करता है।

अनुच्छेद 352 अनुसार, यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है जो देश के अखंडता, संरक्षण और सुरक्षा को खतरे में डालती है, तो राष्ट्रपति को आपातकाल घोषित करने का अधिकार होता है। आपातकाल घोषित करने के बाद, राष्ट्रपति देश में शासन का नियंत्रण संभालते हैं। इस समय राष्ट्रपति द्वारा लिए गए फैसलों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है।

अनुच्छेद 353 अनुसार, राष्ट्रपति को आपातकाल के दौरान निर्देश जारी करने का अधिकार होता है। इसके अलावा, उन्हें उस समय देश में आपातकाल के दौरान समस्त शक्तियों का नियंत्रण संभालने का अधिकार होता है।

अनुच्छेद 356 भारतीय संविधान का उन विशेष उपचार के बारे में बताता है जो आपातकाल के दौरान लागू होते हैं। इस अनुच्छेद में कहा गया है कि आपातकाल के दौरान, राज्य सरकारों के प्रशासन को संघ सरकार के निर्देशों के अनुसार चलाया जाना चाहिए। राज्य सरकारों की शक्तियों को बाधित न किया जाएगा, लेकिन आपातकाल के दौरान संघ सरकार को निर्देश जारी करने का अधिकार होता है।

अनुच्छेद 356 में कहा गया है कि इस विशेष उपचार का उपयोग बहुत हद तक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और इसे केवल अत्यावश्यक स्थितियों में ही लागू किया जाना चाहिए। इसे जितनी कम संभव हो सके लागू नहीं किया जाना चाहिए। इस अनुच्छेद में आपातकाल के दौरान निर्देश जारी करने के लिए राष्ट्रपति को अधिकार दिए गए हैं।

उत्तरप्रदेश में कब लगा राष्ट्रपति शासन-

क्रम संख्या अवधि से    अवधि तक विवरण समयावधि
1 25-02-1968 26-02-1969 विधान सभा निलम्बित तथा 15 अप्रैल, 1968 को विधान सभा भंग 01 वर्ष 02 दिन
2 01-10-1970 18-10-1970 विधान सभा निलम्बित 18 दिन
3 13-06-1973 08-11-1973 विधान सभा निलम्बित 04 माह 25 दिन
4 30-11-1975 21-01-1976 विधान सभा निलम्बित 01 माह 22 दिन
5 30-04-1977 23-06-1977 विधान सभा भंग 01 माह 24 दिन
6 17-02-1980 09-06-1980 विधान सभा भंग 03 माह 21 दिन
7 06-12-1992 04-12-1993 विधान सभा भंग 11 माह 29 दिन
8 18-10-1995 17-10-1996 18 अक्टूबर, 1995 को विधान सभा निलम्बित तथा 27 अक्टूबर, 1995 को विधान सभा भंग 11 माह 29 दिन
9 17-10-1996 21-03-1997 विधान सभा निलम्बित 05 माह 04 दिन
10 08-03-2002 03-05-2002 विधान सभा निलम्बित 01 माह 25 दिन