राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) भारतीय राजनेता और भारत के सातवें प्रधानमंत्री (1984-1989) थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे और उनके पिता इंदिरा गांधी के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद सौंपा गया था।
राजीव गांधी 20 अगस्त 1944 को नई दिल्ली, भारत में जन्मे थे। उनकी माता-पिता इंदिरा गांधी और फीरोज गांधी दोनों भारतीय राजनीति के प्रमुख व्यक्तित्व थे।
राजीव गांधी का प्रधानमंत्री पद संघर्षपूर्ण था। उनकी प्रथम प्रधानमंत्री पदारोहण के तुरंत बाद ही 1984 में उनकी माता इंदिरा गांधी की हत्या हो गई। इसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व का कार्यभार संभालना पड़ा।
राजीव गांधी की प्रधानमंत्री कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जैसे कि उनके कार्यकाल में भारत ने तमिल नाडु में शांति संधि के माध्यम से संघर्षराहित करण मुद्दे को समाप्त किया।
राजीव गाँधी का परिवार-
राजीव गांधी का परिवार भारतीय राजनीतिक परिवार के रूप में जाना जाता है। यहां राजीव गांधी के परिवार के सदस्यों का उल्लेख किया गया है:
- पिता: राजीव गांधी के पिता का नाम फीरोज गांधी था। वह एक प्रमुख राजनेता और इंदिरा गांधी के पति थे।
- माता: राजीव गांधी की माता का नाम इंदिरा गांधी था। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की एक प्रमुख नेता और भारतीय प्रधानमंत्री रही हैं।
- पत्नी: राजीव गांधी की पत्नी का नाम सोनिया गांधी है। उन्होंने सन् 1991 में राजीव गांधी के बाद कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बहुमती विजय प्राप्त की और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता के रूप में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- बच्चे: राजीव गांधी और सोनिया गांधी के चार बच्चे हैं। उनके नाम राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, वाड्रा और सोफिया गांधी हैं।
राजीव गाँधी का जीवन-
राजीव गांधी का जीवन राजनीतिक और सामाजिक माध्यमों के माध्यम से भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण रहा है। यहां उनके जीवन के मुख्य घटनाक्रमों की एक संक्षेप में जानकारी है:
- जन्म और परिवार: राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को नई दिल्ली, भारत में हुआ। उनके पिता का नाम फीरोज गांधी था, जो एक भारतीय राजनेता थे, और माता का नाम इंदिरा गांधी था, जिन्हें बाद में भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनाया गया।
- प्रधानमंत्री पदारोहण: राजीव गांधी का पहला परमाणु ऊर्जा प्रोयोगशाला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में व्यवस्थित किया गया था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, उन्हें 1984 में प्रधानमंत्री पद की कमान सौंपी गई।
- विकास प्रोग्राम: राजीव गांधी ने विभिन्न विकास प्रोग्रामों की शुरुआत की, जिनमें सड़क निर्माण, बिजली, जल, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुधार शामिल था।
राजीव गांधी सामजिक कार्य –
राजीव गांधी ने अपने सामाजिक कार्यों के माध्यम से भारतीय समाज को सुधारने और समृद्धि को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया। यहां कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों का उल्लेख किया गया है:
- गाँधीग्राम योजना: राजीव गांधी ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए “गाँधीग्राम योजना” की शुरुआत की। इस योजना के तहत, गांवों को सड़कों, जल संपादन, बिजली, स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए संसाधनों की प्रबंधन और विकास की गति में मदद मिली।
- जवानी रोजगार योजना: उन्होंने जवानों के लिए “जवानी रोजगार योजना” की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार समर्थन प्रदान करना था। इस योजना के अंतर्गत, युवाओं को प्रशिक्षण, ऋण, व्यावसायिक मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी।
- राष्ट्रीय बालिका विकास निगम: राजीव गांधी ने राष्ट्रीय बालिका विकास निगम की स्थापना की.
राजीव गाँधी का राजनीतिक जीवन-
राजीव गांधी का राजनीतिक जीवन उनके परिवार के गहन राजनीतिक इतिहास के साथ जुड़ा हुआ था। यहां कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया गया है:
- प्रधानमंत्री पदारोहण: राजीव गांधी का पहला परमाणु ऊर्जा प्रोयोगशाला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में व्यवस्थित किया गया था। उनके पिता फीरोज गांधी की मृत्यु के बाद, उन्हें 1984 में प्रधानमंत्री पद की कमान सौंपी गई।
- सामरिक कार्रवाई: राजीव गांधी की प्रधानमंत्रीत्व काल में, उन्हें तमिल नाडु के शांति संधि को सम्पन्न करने के लिए कार्रवाई करनी पड़ी। यह संघर्षराहितीकरण का मुद्दा था जो तमिल नाडु में उठा था।
- तकनीकी प्रगति: राजीव गांधी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी को महत्वपूर्ण ध्यान दिया। उन्होंने विभिन्न उद्योगों में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया और उच्च शिक्षा, विज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास के लिए नई पहलों की शुरुआत की.
राजीव गाँधी की मृत्यु कैसे हुई-
राजीव गांधी की मृत्यु एक आतंकवादी हमले के परिणामस्वरूप हुई। इसका नाम “सुपर टैंट” हमला था, जो 21 मई 1991 को चेन्नई (मद्रास), तमिलनाडु में हुआ। उन्हें चेन्नई के स्रीपेरुंबुदुर स्थान पर एक चुनावी सभा में बम से मारा गया। हमले में राजीव गांधी समेत 14 लोगों की मौत हो गई। यह एक अभियान्त्रिकी विस्फोटक के द्वारा किया गया था, जिसके बाद उसे और उसके सहकर्मियों को गिरफ्तार किया गया।
राजीव गांधी की मृत्यु एक बड़ी आपदा की घटना थी और यह भारतीय राजनीति और जनता के लिए एक गहरी दुखभरी घटना थी। इसके बाद, उन्हें एक महानायक के रूप में स्मारित किया गया है और उनकी यादों को मान्यता और सम्मान प्राप्त है।
राजीव गाँधी के कथन-
राजीव गांधी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कथनों को कहा है। यहां कुछ उनके प्रसिद्ध कथन हैं:
- “आपके इरादे सच बन जाएँगे जब आप अपनी सोच को अपने शब्दों में बदलेंगे।”
- “विश्वास, संघर्ष और सच्चाई के साथ कार्य करें, और आपको सफलता जरूर मिलेगी।”
- “हमारा ध्यान न सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर होना चाहिए, बल्कि हमें सामाजिक और मानसिक समृद्धि के लिए भी काम करना चाहिए।”
- “जब हम जनता की सेवा करते हैं, तो हम अपने आप को बदलते हैं।”
- “स्वतंत्रता वह है जब आप स्वतंत्र होने के अधिकार का इस्तेमाल करके दूसरों की सहायता करते हैं।”
- “युवाओं को बदलने के लिए नहीं, उन्हें बदलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।”
- “सशक्त नागरिकता का मूल आधार शिक्षा है।”
-
“एक प्रगतिशील राष्ट्र के लिए, महिलाओं को आवाज देना और उनके हकों का सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
Discussion about this post