रामचरित मानस हिंदुओ का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है। इसका निर्माण उस समय हुआ जब भारत कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा था। लोग धर्म से विरक्त हो रहे थे। मुगलों की नीतियों से भारत की संस्कृति प्रभावित हो रही थी। जबरन लोगों को इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा था। लोगों पर तरह-तरह के अत्याचार हो रहे थे और लोग स्वयं की रक्षा के लिए हिन्दू धर्म का त्याग करने लगे थे।
इस्लाम के बढ़ते प्रभाव के कारण हिन्दू संस्कृति का प्रभाव कम होने लगा। जो व्यक्ति हिन्दू रीति रिवाज का अनुसरण करता उसे सजा मिलती। हिंदुओ के पतन से हर कोई निराश था। उसी समय तुलसी दास राम रस में डूबने लगे। समाज के उद्धार के लिए गोस्वामी तुलसीदास ने राम का गुणगान शुरू किया।
पूर्वजों के ज्ञान को अपना आधार बनाकर गोस्वामी तुलसीदास ने श्री राम चरित मानस को लिखा। राम चरित मानस में हिंदुओं के रीति रिवाजों के साथ-साथ सनातन संस्कृति के नियमों का विधिवत उल्लेख किया गया। राम की मर्यादा लोगों की प्रेरणा बनी और राम सम्पूर्ण भारत के आदर्श के ररूप में जानें गए।
राम चरित मानस का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह अद्भुत ग्रन्थ है जो हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देता है। राम चरित मानस वह धार्मिक ग्रंथ है जिसने भारत को पुनः सनातन संस्कृति से जोड़ दिया है और हिंदुओं को धर्म से अवगत करवाया।